गुट निरपेक्ष आन्दोलन की असफलता अथवा कमजोरियाँ- गुट निरपेक्ष आन्दोलन की असफलताओं अथवा कमजोरियों को संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है !
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सिद्धान्तहीन आन्दोलन-
गुट निरपेक्षता एक अवसर वादी एवं कार्य निकालने की नीति है। क्योंकि इस आन्दोलन से सम्बद्ध देश सिद्धान्तहीन हैं। साम्यवादी तथा पूँजीवादी गुटो के साथ अपने सम्बन्धों के सन्दर्भ में वे दोहरा मापदण्ड प्रयुक्त करते है। उनका ध्येय पश्चिमी एवं साम्यवादी दोनो गुटों से अधिकाधिक लाभ अर्जित करना है।
बाहरी आर्थिक एवं रक्षा सहायता पर निर्भरता- गुटनिरपेक्ष आन्दोलन की एक बड़ी कमजोरी यह है कि इससे सम्बद्ध देश अपनी आर्थिक एवं रक्षा सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर आश्रित हैं। सच्ची गुटनिरपेक्षता का आधार आर्थिक निर्भरता है।
विभाजित आन्दोलन-
गुट-निरपेक्ष आन्दोलन अन्य देशों को संगठित करने के स्थान पर स्वयं ही विभाजित है। 1979 के हवाना सम्मेलन में यह तीन भागों में विभक्त था यह विभाजन प्रमाणित करता हैं कि गुट-निरपेक्ष आन्दोलन दिशाहीन है। 4. ठोस योजना का अभाव- गुट-निरपेक्ष आन्दोलन से सम्बद्ध देशों में मौलिक एकता का अभाव है। समृद्ध राष्ट्रों के शोषण के खिलाफ मोर्चाबन्दी करना तो काफी दूर रहा वे आपस में एक-दूसरे की मदद करने की कोई ठोस योजना भी निर्मित नहीं कर पाए है।
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